NRI News :- मां अपनी जान नहीं बचा सकी, मां की मौत के बाद बेटे का रो-रोकर बुरा हाल

News Republic of India
0


woman died during a road accident in Sambhal

मां की मौत के बाद बेटे का रो-रोकर बुरा हाल 

NRI News :- बेटे के साथ बाइक पर बैठकर गमी में शामिल होने जा रही मां ने मौत को सामने देखकर बेटे को चलती बाइक से धक्का दे दिया और उसकी जान बचा ली। हालांकि, मां अपनी जान नहीं बचा सकी और पीछे से तेज गति में आ रहे ट्रक ने कुचल दिया। यह हादसा बदायूं जनपद के उगिया कस्बे में हुआ है। ट्रक चालक को लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।

चंदौसी के मोहल्ला गणेश कॉलोनी निवासी सुरेंद्र पाल (35) का पैतृक गांव पिनौनी जनपद बदायूं का है। वहीं के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। परिवार में एक सप्ताह पहले दो लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। सुरेंद्र पाल के साथ उनकी मां सरला देवी (70) बुधवार को उनके साथ बाइक से पैतृक गांव पिनौनी में गमी में शामिल होने जा रहीं थीं। गांव से करीब दो किलोमीटर पहले उगिया कस्बे में उनकी बाइक के आगे अचानक कुत्ता आ गया। कुत्ते को देखकर सुरेंद्र पाल ने बाइक के ब्रैक लगा दिए तभी बाइक रोक दी। पीछे से भरा ट्रक आ रहा था। ट्रक चालक ने ब्रेक लगाए। लेकिन ट्रक नियंत्रित नहीं हो सका। पीछे से ट्रक को आता देखकर सरला देवी ने बाइक पर बैठे बेटे सुरेंद्र को धक्का दे दिया। सुरेंद्र सड़क पर बाईं ओर गिर गए।


टक्कर से सड़क पर गिरी सरला देवी ट्रक के नीचे आ गईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे में सुरेंद्रपाल मामूली रूप से चोटिल हुए हैं। ट्रक छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे चालक को लोगों ने पकड़ लिया। पुलिस के हवाले कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पीएम को भेज दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। चोटिल सुरेंद्रपाल का कहना है कि मुझे तो मेरी मां ने बचाया है। बाइक रोकने पर लगा किसी ने धक्का दिया और फिर ट्रक की टक्कर लगी। इसके बाद मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ देर बाद होश में आया तो सड़क पर मां मृत अवस्था में पड़ी थी और कुछ दूरी पर ट्रक खड़ा था।

सुरेंद्रपाल ने बताया कि वह रोजाना बाइक से पिनौनी स्कूल में पढ़ाने जाता था। वहीं उनका पैतृक गांव है। बुधवार को मां ने गमी में परिवार के लोगों से मिलने की इच्छा जताई थी। मैं मां को लेकर गांव पिनौनी जा रहा था। कस्बा उगिया में सड़क पर कुत्ते के आने पर अचानक बाइक रोक दी। पीछे से आ रहे ट्रक के चालक ने भी ट्रक को रोकने का प्रयास किया। मुझे ट्रक के ब्रेक लगाने की आवाज सुनाई थी। लेकिन अचानक मुझे लगा जैसे किसी ने मेरी कमर पर धक्का दिया हो। मैं सड़क पर गिर पड़ा और मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ पल में मुझे होश आया तो मेरे चारों ओर भीड़ लगी थी। मेरे बायें हाथ और बायें पैर में मामूली चोट लगी थी। सड़क की ओर देखा तो सड़क किनारे बाइक पड़ी थी, पीछे की ओर मां मृत अवस्था में पड़ी थी। मां को कुचलने वाला ट्रक भी कुछ दूर आगे खड़ा दिखाई दे रहा था। मेरी मां ने अपनी जान बचाकर खुद की जान दे दी।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)